स्वच्छता: एक कर्तव्य
आज मैं अपने कुछ परिचितों के साथ एक जगह पिकनिक मनाने गया. बड़ा सुंदर दृश्य था. पहाड़ियों के बीच से बहती हुई नदी. पूरी जगह बड़ी साफ़ सुथरी थी. आमतौर पर ऐसी जगह बहुत कम देखने को मिलती है.

हमने वहाँ भोजन किया, और बची हुई सामग्री और पेपर के बर्तन इकट्ठा करके एक पॉली बैग में रख लिए. साथ ही, आसपास पड़ा दूसरों द्वारा छोड़ा हुआ कचरा भी इकट्ठा किया. पास, एक और परिवार पिकनिक मनाने आया था. उसके सभी सदस्य चिप्स के पैकेट और प्लास्टिक ग्लास उपयोग करके चारों तरफ़ फेंक रहे थे. मैंने उन्हें स्वच्छता के संबंध में थोड़ा जागरूक करने का प्रयास किया.

अपनी पृथ्वी को सुंदर रखने के लिए इतना करना ही पर्याप्त है कि हमारे द्वारा कोई कचरा न बिखराया जाए. और आसपास के चंद लोगों को जागरुक कर दिया जाए. पृथ्वी ने हमें बहुत कुछ दिया है. इतना तो हम लौटा ही सकते हैं.